google.com, pub-7513609248165580, DIRECT, f08c47fec0942fa0 भारतीय टेस्ट टीम 2025: गिल युग की शुरुआत, कोहली-रोहित युग का अंत

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भारतीय टेस्ट टीम 2025: गिल युग की शुरुआत, कोहली-रोहित युग का अंत

इंग्लैंड दौरा 2025: नई भारतीय टेस्ट टीम का आगाज़ – बदलाव, संकेत और भविष्य की कहानी

लेखक: आम चर्चा स्पोर्ट्स डेस्क | दिनांक: 25 मई 2025

भारतीय क्रिकेट में एक युग का अंत हो चुका है और एक नए दौर की शुरुआत हो रही है। 2025 के इंग्लैंड दौरे के लिए घोषित भारतीय टेस्ट टीम न केवल एक नई पीढ़ी के आगमन का संकेत देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अब ‘नाम’ नहीं, ‘काम’ के आधार पर चयन की नीति चल रही है। भारत की यह टेस्ट टीम अब विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों की परछाई से बाहर निकलकर अपने लिए एक नई पहचान गढ़ने को तैयार है।


शुभमन गिल: भरोसे की अग्निपरीक्षा में नया कप्तान

सबसे बड़ा और बहुचर्चित बदलाव है शुभमन गिल का कप्तान बनना। यह निर्णय केवल एक पद का बदलाव नहीं है, यह एक मानसिकता का बदलाव है। गिल ने खुद को सीमित ओवरों में एक विश्वसनीय बल्लेबाज़ के रूप में स्थापित किया, और अब उन्हें टेस्ट क्रिकेट में भी नेतृत्व सौंपा गया है। गुजरात टाइटन्स की कप्तानी में IPL 2024-25 में जो परिपक्वता उन्होंने दिखाई, वह BCCI की नजरों में उन्हें अगली पीढ़ी का लीडर साबित करने में सफल रही।

गिल के पास बड़ी पारियाँ खेलने की क्षमता है, लेकिन क्या वे टेस्ट कप्तानी के दबाव और इंग्लैंड की घातक परिस्थितियों का सामना कर पाएँगे? यह भारतीय क्रिकेट के भविष्य की दिशा तय कर सकता है।

ऋषभ पंत की वापसी: उम्मीदों और ज़िम्मेदारी की नई शुरुआत

ऋषभ पंत का चयन बताता है कि भारतीय टीम अब पूरी तरह से पुनर्निर्माण के दौर में है। एक समय दुर्घटना के बाद उनके करियर पर सवाल खड़े थे, लेकिन उनकी वापसी और उप-कप्तानी इस बात का प्रमाण है कि टीम मैनेजमेंट उन्हें भविष्य का स्तंभ मान रहा है। पंत की विकेट के पीछे चपलता और बल्ले से आक्रामकता इंग्लैंड जैसी परिस्थितियों में भारत को बढ़त दिला सकती है। अगर गिल रणनीतिक ब्रेन हैं, तो पंत मैदान पर जोश और जुनून का चेहरा होंगे।

टीम का संतुलन: युवा जोश बनाम अनुभव की कमी

इंग्लैंड दौरे के लिए चयनित भारतीय टीम की सबसे खास बात यह है कि यह युवाओं पर केंद्रित टीम है।

  • सलामी जोड़ी: यशस्वी जायसवाल और साई सुदर्शन
  • मध्यक्रम: करुण नायर, नीतीश रेड्डी, अभिमन्यु ईश्वरन
  • गेंदबाज़ी: जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, अर्शदीप सिंह, आकाश दीप, खलील अहमद
  • स्पिन विभाग: कुलदीप यादव, वॉशिंगटन सुंदर

विराट-रोहित युग का अंत

विराट कोहली और रोहित शर्मा के बिना यह पहला बड़ा विदेशी दौरा है। दोनों दिग्गजों ने भारतीय टेस्ट क्रिकेट को ऊँचाई पर पहुँचाया, लेकिन उम्र और निरंतरता की गिरावट के कारण यह एक स्वाभाविक अंत था। BCCI ने बिना कोई बड़ा भावनात्मक नाटक किए युवा कप्तान की घोषणा कर दी—यह बताता है कि बोर्ड अब परिणाम आधारित संरचना की ओर बढ़ रहा है।

चयन पर उठे सवाल

शार्दुल ठाकुर, वॉशिंगटन सुंदर और अभिमन्यु ईश्वरन जैसे खिलाड़ी लगातार टीम में रहते हैं, लेकिन उन्हें मौके नहीं मिलते। यह सवाल उठता है—क्या वे सिर्फ “नेट बॉलर” या “बैकअप” की भूमिका में रहेंगे? या यह चयन सिर्फ बैलेंस दिखाने का प्रयास है?

इंग्लैंड की परिस्थितियों में रणनीति

  1. मजबूत ओपनिंग साझेदारी तैयार करे
  2. गेंदबाज़ी में निरंतरता और अनुशासन
  3. मध्यक्रम में अनुभव और आक्रामकता का संतुलन
  4. सही स्पिनर का चयन (कुलदीप या सुंदर)

चुनौतियां -

नई कप्तानी, युवा खिलाड़ी और सीमित अनुभव—यह टीम दिखाती है कि BCCI अब दीर्घकालिक निवेश पर विश्वास कर रहा है। इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट जीतना हमेशा से कठिन रहा है, लेकिन अगर गिल-पंत-जायसवाल जैसे खिलाड़ी लय में आ जाएँ, तो भारत 2025-27 की टेस्ट चैंपियनशिप का धमाकेदार आगाज़ कर सकता है।

आपकी राय क्या है? क्या शुभमन गिल भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जा पाएंगे? कॉमेंट करें और जुड़े रहें आम चर्चा के साथ – जहाँ होती है खेल की असली समीक्षा।

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