तेज प्रताप यादव: बिहार की राजनीति के 'बहरुपिया' राजकुमार के 7 अनकहे किस्से
बिहार की राजनीति में लालू यादव और राबड़ी देवी की विरासत का नाम लेते ही जो नाम सबसे पहले जेहन में आता है, वो है तेजस्वी यादव। लेकिन, इसी विरासत की एक और ‘रंगीन’ शाखा हैं तेज प्रताप यादव। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप, अपने राजनीतिक करियर से कहीं अधिक अपनी हरकतों, बयानों और आध्यात्मिक प्रवृत्तियों के लिए जाने जाते हैं। उनके जीवन में ऐसे कई “अनकहे किस्से” हैं जो न केवल बिहार बल्कि पूरे देश की मीडिया के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहे हैं।
इस लेख में हम तेज प्रताप यादव के 7 सबसे चर्चित, विवादित और रंगीन किस्सों पर रोशनी डालेंगे, जो उन्हें एक असामान्य लेकिन बेहद चर्चित नेता बनाते हैं।
1. राजनीतिक बयानों की बर्फीली आग: ‘पलटू चाचा’ से लेकर ‘खाल उधड़वाना’ तक
तेज प्रताप के बयानों में या तो व्यंग्य की तलवार चलती है या फिर आग उगलने वाली भाषा का तूफान।
मार्च 2025, होली के दिन, तेज प्रताप बिना हेलमेट स्कूटी चलाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घर के बाहर पहुंचे और उन्हें "पलटू चाचा" कहकर तंज कस दिया। स्कूटी पर बैठकर उन्होंने कहा, "हम देखेंगे पलटू चाचा कब तक पलटते हैं!" इस घटनाक्रम के दौरान उनका चालान भी कटा, लेकिन सोशल मीडिया पर रील्स और मीम्स की बाढ़ आ गई।
2017 में, जब केंद्र सरकार ने लालू यादव की सुरक्षा Z+ से घटाकर Z श्रेणी में कर दी थी, तब तेज प्रताप ने कहा: "मोदी की खाल उधड़वा देंगे।" इस बयान से राजनीतिक भूचाल आ गया और बीजेपी ने इसे अति आपत्तिजनक बताया।
ये बयान स्पष्ट करते हैं कि तेज प्रताप की ज़ुबान अक्सर पार्टी लाइन से भी आगे निकल जाती है, और कभी-कभी उनके लिए खुद ही संकट खड़ा कर देती है।
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2. जब पुलिसकर्मी को कराया ‘ठुमका’: होली का रंग और सत्ता का घमंड
होली 2025 में ही तेज प्रताप का एक और वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे एक पुलिसकर्मी को धमकाते हुए दिखे: "ठुमका लगाइए नहीं तो सस्पेंड कर देंगे।" यह वीडियो RJD के अंदर और बाहर दोनों जगह आलोचना का कारण बना। विपक्ष ने इसे "जंगलराज की वापसी" कहा, तो कई RJD कार्यकर्ताओं ने भी इसे अनुचित माना।
इस प्रकरण ने यह साफ कर दिया कि तेज प्रताप में सत्ता का जोश कहीं-कहीं असंवेदनशीलता में भी बदल जाता है।
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3. मालदीव से वृंदावन तक: तेज प्रताप का आध्यात्मिक सफर
तेज प्रताप की एक अलग छवि है – एक कृष्ण भक्त, एक साधु, एक योगी।
मई 2025, तेज प्रताप का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे मालदीव के तट पर ध्यान मग्न होकर "ॐ नमः शिवाय" का जाप कर रहे थे। वीडियो में वे सफेद धोती, कमंडल और तिलक के साथ साधु जैसी मुद्रा में नजर आए।
इससे पहले 2019 में, वे वृंदावन के बरसाना स्थित एक गौशाला में 25,000 गायों के बीच दिखे थे। वहां उन्होंने गोरक्षा और गोसेवा को ही असली राजनीति बताया। इस आध्यात्मिक झुकाव ने उन्हें कभी “मॉर्डन ऋषि” तो कभी “बहरुपिया नेता” की उपाधि दी।
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4. वैवाहिक जीवन का नाटक: ऐश्वर्या राय से लेकर अनुष्का यादव तक
तेज प्रताप का निजी जीवन भी कम फिल्मी नहीं है।
2018 में, उनकी शादी ऐश्वर्या राय (बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती) से हुई। लेकिन जल्द ही विवाद सामने आने लगे। ऐश्वर्या ने उन पर घरेलू हिंसा, नशा और अस्थिर मानसिक स्थिति के आरोप लगाए। 2020 में, ऐश्वर्या ने RJD के खिलाफ खुलकर प्रचार भी किया और तेजस्वी यादव को सीधा निशाना बनाया।
मई 2025 में, तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर एक नया धमाका किया—उन्होंने खुलासा किया कि वे पिछले 12 वर्षों से एक महिला, अनुष्का यादव, के साथ रिलेशनशिप में हैं।
इस बयान के बाद लालू प्रसाद यादव ने उन्हें पार्टी और परिवार दोनों से ‘विलग’ कर दिया। बीजेपी नेताओं ने इसे 'पब्लिक सिम्पैथी गेम' बताया और कहा कि यह RJD की अंदरूनी कलह को छिपाने की रणनीति है।
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5. 'लैंड फॉर जॉब' स्कैम और कानूनी मोर्चे
तेज प्रताप का नाम 2004–2009 के बीच रेल मंत्रालय में हुए "लैंड फॉर जॉब" घोटाले में भी आया।
अक्टूबर 2024, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में समन जारी किया और पेशी के लिए बुलाया।
मार्च 2025 में, उन्हें जमानत मिल गई लेकिन ED की जांच जारी है।
यह मामला तेज प्रताप की राजनीतिक छवि पर एक गंभीर दाग है, जो उनके ‘सन्यासी नेता’ की छवि से मेल नहीं खाता।
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6. पार्टी मंच पर थप्पड़ और अपमान: अपनों से ही टकराव
मई 2024 में, पटना में एक चुनावी सभा के दौरान तेज प्रताप का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे मंच पर एक RJD कार्यकर्ता को थप्पड़ मारते दिखे। मंच पर राबड़ी देवी और मीसा भारती भी मौजूद थीं।
बाद में तेज प्रताप ने सफाई दी कि उन्होंने "मंच की मर्यादा बनाए रखने" के लिए ऐसा किया। लेकिन आलोचकों ने इसे सत्ता के अहंकार और अनुशासनहीनता का उदाहरण बताया।
इस तरह की घटनाएं तेज प्रताप की पार्टी के अंदर भी उनकी लोकप्रियता को प्रभावित करती हैं।
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7. CM बनने की भविष्यवाणी और रील्स का खेल
तेज प्रताप सोशल मीडिया पर भी खासे सक्रिय हैं।
जनवरी 2025, उन्होंने एक रील पोस्ट की जिसमें दावा किया कि वे जल्द ही CM बनेंगे और नीतीश सरकार गिर जाएगी।
फरवरी 2025, उन्होंने कहा कि तेजस्वी ही बिहार के अगले मुख्यमंत्री होंगे, और खुद को उनका 'राजनैतिक रथ हांकने वाला सारथी' बताया।
उनके द्वारा साझा की गई रील्स में कभी वे भोजपुरी गाने गाते हैं, कभी शंख बजाते हुए दिखते हैं, तो कभी भगवान कृष्ण के रूप में वीडियो बनाते हैं।
यह सब उन्हें युवा और सोशल मीडिया-प्रेमी वर्ग के बीच खास पहचान देता है।
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तेज प्रताप की राजनीति: जोकर या जादूगर?
तेज प्रताप यादव की राजनीति को एक फ्रेम में बाँधना मुश्किल है। वे कभी आध्यात्मिकता के सहारे आत्मशुद्धि का संदेश देते हैं, तो कभी सड़क पर स्कूटी से सिस्टम पर सवाल उठाते हैं।
उनकी छवि एक तरफ हास्य का पात्र बनाती है, लेकिन दूसरी ओर वे सत्ता, समाज और परिवार में नाकामी की झलक भी दिखाते हैं।
तेज प्रताप की ताकत:
युवा वर्ग में पहचान
सामाजिक मीडिया पर पकड़
लालू-राबड़ी की विरासत
कमजोरियां:
अनुशासनहीनता
बयानबाज़ी
निजी विवादों की अधिकता
तेज़ प्रताप – एक 'पॉलिटिकल परफॉर्मर'
तेज प्रताप यादव भारतीय राजनीति के उन चंद नेताओं में से हैं जो एक साथ राजनीति, मनोरंजन, अध्यात्म और विवाद की चौखट पर खड़े हैं। वे राजनीतिक रूप से कितने प्रभावी हैं, यह बहस का विषय हो सकता है; लेकिन यह तय है कि वो खबरों में कैसे बने रहना है, यह उन्हें अच्छी तरह आता है।
यदि तेज प्रताप को राजनीति में गंभीरता लानी है, तो उन्हें मंच पर ‘परफॉर्मर’ से हटकर जमीनी नेता बनना होगा। वरना उनके अनकहे किस्से भले ही मनोरंजन करें, लेकिन सत्ता की कुर्सी हमेशा दूर ही रहेगी।
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