ऑपरेशन सिंधु: भारत सरकार द्वारा ईरान-इज़रायल युद्ध क्षेत्र से नागरिकों की ऐतिहासिक वापसी
भारत सरकार ने ईरान-इजरायल युद्ध के बीच फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए 'ऑपरेशन सिंधु' शुरू किया है। इस अभियान के तहत 20 जून 2025 की रात 290 भारतीय नागरिक, जिनमें अधिकांश जम्मू-कश्मीर के छात्र और तीर्थयात्री शामिल हैं, ईरान के मशहद से चार्टर्ड विमान द्वारा नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित पहुंचे।
🔰 ऑपरेशन का विवरण
- प्रारंभ: 18 जून 2025 को भारत सरकार ने ईरान में बिगड़ते हालात को देखते हुए ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत की।
- पहला चरण: 17 जून को 110 भारतीय छात्रों को सड़क मार्ग से उत्तरी ईरान से आर्मेनिया ले जाया गया।
- वर्तमान प्रगति: 21 जून तक कुल 517 भारतीय नागरिकों को निकाला जा चुका है।
🇮🇱 इज़रायल से निकासी की योजना
भारत सरकार अब इज़रायल से भी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी की योजना पर काम कर रही है। लैंड बॉर्डर के माध्यम से चरणबद्ध व्यवस्था की जा रही है।
🗣️ नागरिकों की प्रतिक्रियाएं
दिल्ली पहुंचे एक छात्र ने कहा, "मिसाइलों की आवाज से हमारी नींद उड़ गई थी। भारतीय दूतावास ने हर कदम पर हमारी मदद की।"
जम्मू-कश्मीर के सैयद मंसूर हुसैन ने कहा, "भारत मां की सरजमीं पर आकर सजदा किया। सरकार का बहुत धन्यवाद।"
एक अन्य पिता, इमरान मेहदी ने कहा, "मेरी बेटी युद्ध जैसे हालात में थी। सरकार ने उसे सुरक्षित घर लाया।"
🏛️ सरकार के प्रयास
- विदेश मंत्रालय ने 24x7 हेल्पलाइन (1800118797, +91-11-23012113, +91-9968291988) और ईमेल ([email protected]) जारी की।
- ईरान ने भारतीय उड़ानों के लिए अस्थायी रूप से हवाई क्षेत्र खोला।
- विदेश मंत्रालय के सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने कहा, "नागरिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।"
⚠️ चुनौतियाँ
ईरान में लगभग 4,000 भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें 2,000 छात्र हैं। युद्ध जैसे हालात और बंद हवाई क्षेत्र ने निकासी को और जटिल बना दिया, लेकिन भारत की कूटनीतिक सूझबूझ से यह संभव हो सका।
📅 आगे की योजना
- 21 जून को दो और उड़ानें दिल्ली पहुंचने की योजना है - एक अश्गाबात से सुबह 10 बजे और दूसरी शाम को।
- मशहद से कुल 1,000 भारतीयों को वापस लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
🇮🇳 निष्कर्ष: भारत की प्रतिबद्धता और कूटनीतिक सफलता
ऑपरेशन सिंधु भारत की अपने नागरिकों के प्रति सजगता, संवेदनशीलता और रणनीतिक क्षमता का प्रतीक है। यह मिशन केवल एक राहत कार्य नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की कूटनीतिक सक्रियता और संकट प्रबंधन क्षमता का जीवंत उदाहरण है।
लेखक: आम चर्चा टीम | स्रोत: विदेश मंत्रालय, एयर इंडिया, मीडिया रिपोर्ट्स

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