google.com, pub-7513609248165580, DIRECT, f08c47fec0942fa0 टेस्ट लड़ाई,'virat' का सूक्ष्म विदाई।

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टेस्ट लड़ाई,'virat' का सूक्ष्म विदाई।

किंग रुखसत मैदाने जंग से होते है,नाम विराट काम विराट,रुकावट भी विराट।

12 मई 2025 को भारतीय क्रिकेट के "किंग" विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी, जिसने क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया। 14 साल, 123 टेस्ट, 9230 रन, 30 शतक, और 46.85 की औसत के साथ कोहली ने न केवल रिकॉर्ड्स की झड़ी लगाई, बल्कि भारतीय क्रिकेट को एक नई आक्रामक पहचान दी। लेकिन क्या वे सचमुच दुनिया के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में शुमार हैं? आइए, उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर, रिकी पॉन्टिंग, और ब्रायन लारा जैसे दिग्गजों से करें, उनकी शानदार पारियों और कुछ कमजोरियों पर चर्चा करें,

 **विराट कोहली का टेस्ट करियर: संख्याओं में**
- **मैच**: 123
- **रन**: 9230 (औसत: 46.85)
- **शतक**: 30 (7 दोहरे शतक सहित)
- **अर्धशतक**: 31
- **कप्तानी**: 68 टेस्ट में 40 जीत, भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान
- **विशेष उपलब्धि**: ऑस्ट्रेलिया में भारत की पहली टेस्ट सीरीज जीत (2018-19)

कोहली ने 2016-19 के बीच अपने चरम पर 43 टेस्ट में 4208 रन बनाए, जिसमें 16 शतक थे (औसत 66.79)। लेकिन 2020 के बाद उनका औसत 30.72 तक गिर गया, जो उनके संन्यास के फैसले का एक कारण हो सकता है।

 *महानतम बल्लेबाजों के साथ तुलना*
आइए, कोहली की तुलना कुछ दिग्गजों से करें:

1. *सचिन तेंदुलकर (भारत)*
   - *टेस्ट रन*: 15921, औसत: 53.78, शतक: 51
   - *तुलना*: सचिन का करियर कोहली से लंबा (200 टेस्ट) और रनों में दोगुना था। सचिन ने 90 के दशक में वॉर्न, मैक्ग्राथ, और वसीम जैसे गेंदबाजों का सामना किया, जब पिचें बल्लेबाजों के लिए कम अनुकूल थीं। कोहली की आक्रामकता और फिटनेस सचिन से बेहतर थी, लेकिन सचिन की निरंतरता और दबाव में प्रदर्शन बेजोड़ है।
 सचिन तो क्रिकेट के भगवान थे, कोहली "किंग" तो बन गए, पर "भगवान" बनने के लिए शायद 7000 रन और बनाने पड़ते!

*रिकी पॉन्टिंग (ऑस्ट्रेलिया)
*टेस्ट रन**: 13378, औसत: 51.85, शतक: 41
 तुलना: पॉन्टिंग और कोहली दोनों आक्रामक कप्तान और मिडिल ऑर्डर के मजबूत स्तंभ थे। पॉन्टिंग का ऑस्ट्रेलिया में रिकॉर्ड कोहली से बेहतर था, लेकिन कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में भारत को जीत दिलाकर इतिहास रचा। पॉन्टिंग ने कोहली की तारीफ में कहा कि उनकी चेज में मास्टरी बेमिसाल है।
 
 पॉन्टिंग के सामने कोहली का "चेज मास्टर" टैग फीका पड़ जाता है, क्योंकि पॉन्टिंग खुद "पुल शॉट मास्टर" थे!

3. **ब्रायन लारा (वेस्ट इंडीज)**
   - *टेस्ट रन* 11953, औसत: 52.88, शतक: 34
   - **तुलना**: लारा की स्टाइलिश बल्लेबाजी और बड़े स्कोर (400 नाबाद) की क्षमता कोहली से अलग थी। कोहली ने लारा की तरह रिकॉर्ड तोड़ने की बजाय निरंतरता पर जोर दिया। लारा ने कमजोर वेस्ट इंडीज टीम को अकेले संभाला, जबकि कोहली को मजबूत भारतीय गेंदबाजी का साथ मिला।
  लारा तो एक पारी में 400 रन बना देते थे, कोहली 254 पर ही रुक गए—शायद डबल सेंचुरी से प्यार ज्यादा था!

 *कोहली की कुछ यादगार पारियां*
1. *116 रन, एडिलेड 2012 (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ)*
   - कोहली ने अपने पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर यह शतक जड़ा, जब बाकी बल्लेबाज लड़खड़ा रहे थे। यह पारी उनकी टेस्ट बल्लेबाजी की नींव थी।
   - *खासियत*: युवा कोहली ने नाथन लियोन और पीटर सिडल जैसे गेंदबाजों को बखूबी खेला।

2. *119 रन, जोहान्सबर्ग 2013 (साउथ अफ्रीका के खिलाफ)*
   - साउथ अफ्रीका की उछाल भरी पिच पर डेल स्टेन और मॉर्ने मॉर्कल के खिलाफ यह पारी मास्टरक्लास थी। एलन डोनाल्ड ने इसे सचिन की याद दिलाने वाली पारी कहा।
 *खासियत* कोहली ने कवर ड्राइव और फ्लिक शॉट्स से साउथ अफ्रीकन गेंदबाजों को परेशान किया।

 *141 रन, एडिलेड 2014 (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ)*
   - 364 रनों का पीछा करते हुए कोहली ने यह शतक जड़ा, हालांकि भारत हार गया। यह पारी उनकी "चेज मास्टर" छवि को मजबूत करने वाली थी।
  *खासियत*  मिशेल जॉनसन की रफ्तार को कोहली ने बेधड़क खेला।

100 नाबाद, पर्थ 2024 (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ)
   - संन्यास से पहले उनकी आखिरी शतकीय पारी। भारत ने यह टेस्ट जीता, और कोहली ने दिखाया कि "किंग" अभी भी जिंदा है।

   *खासियत*
: पैट कमिंस और जोश हेजलवुड के खिलाफ कोहली का धैर्य और तकनीक शानदार थी।

*शीर्ष गेंदबाजों के खिलाफ कोहली की कमजोरियां*
कोहली की बल्लेबाजी तकनीक, खासकर फ्लिक शॉट और कवर ड्राइव, उन्हें महान बनाती है, लेकिन कुछ गेंदबाजों ने उन्हें बार-बार परेशान किया:

*जेम्स एंडरसन (इंग्लैंड)*
 - कोहली को एंडरसन की आउटस्विंग गेंदें हमेशा परेशान करती थीं। 2014 के इंग्लैंड दौरे पर कोहली 10 पारियों में सिर्फ 134 रन बना सके, जिसमें एंडरसन ने उन्हें 4 बार आउट किया।

*: एंडरसन की गेंदों के सामने कोहली का बल्ला ऐसे चुप रहता था, जैसे स्कूल में टीचर के सवाल पर स्टूडेंट!

*पैट कमिंस (ऑस्ट्रेलिया)*
   - कमिंस की ऑफ-स्टंप के बाहर की गेंदों ने कोहली को कई बार स्लिप में कैच थमाया। 2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कोहली 9 पारियों में 8 बार स्लिप में आउट हुए।

 कमिंस की गेंदों को कोहली इतना "फॉलो" करते थे, मानो इंस्टाग्राम पर उनका अकाउंट हो!

*स्पिनर्स (हाल के वर्षों में)*
   - 2022 के बाद से कोहली स्पिन के खिलाफ 12 बार आउट हुए, खासकर ऑफ-स्पिनरों ने उन्हें 7 बार पवेलियन भेजा। न्यूजीलैंड के खिलाफ 2024 में मिशेल सैंटनर और ग्लेन फिलिप्स ने उन्हें परेशान किया।

 स्पिन के सामने कोहली का बल्ला अब ऐसा घूमता है, जैसे पुराना पंखा—आवाज ज्यादा, हवा कम!

### **हाल की रिपोर्ट्स और संन्यास का माहौल**
2024-25 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोहली ने पर्थ में शतक जड़ा, लेकिन बाकी सीरीज में 190 रन ही बना सके। न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 की हार और ऑस्ट्रेलिया में 3-1 की हार ने उनके संन्यास के फैसले को तेज किया। बीसीसीआई ने उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन कोहली ने फैसला ले लिया।

एक्स पर फैंस ने इसे "एक युग का अंत" बताया। यूजर ने लिखा, "ये सिर्फ एक खिलाड़ी का संन्यास नहीं, बल्कि जुनून और जज्बे का समापन है।" वहीं, अन्य ने कहा, "इतनी अच्छी फॉर्म में संन्यास? ये गलत फैसला है।

*कोहली का प्रभाव और विरासत*
कोहली ने भारतीय क्रिकेट में फिटनेस क्रांति लाई और टेस्ट क्रिकेट को आक्रामक बनाया। उनकी कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में ऐतिहासिक जीत हासिल की। ब्रायन लारा ने कहा, "टेस्ट क्रिकेट को कोहली की जरूरत थी।"
विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को इतना फिट बना दिया कि अब नई पीढ़ी को जिम में ज्यादा समय बिताना पड़ रहा है, मैदान पर कम!


विराट कोहली का टेस्ट करियर शानदार रहा, लेकिन सचिन, पॉन्टिंग, और लारा जैसे दिग्गजों के सामने उनकी कुछ कमियां उजागर हुईं। उनकी यादगार पारियां और नेतृत्व भारतीय क्रिकेट को हमेशा प्रेरित करेंगे। अब गेंद नई पीढ़ी के पाले में है—क्या वे "किंग" की तरह मैदान पर राज कर पाएंगे, या सिर्फ इंस्टाग्राम पर रील्स बनाएंगे?

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