google.com, pub-7513609248165580, DIRECT, f08c47fec0942fa0 रोहित शर्मा: क्रिकेट के सफर से लेकर मुंबई का राजा बनने तक,

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रोहित शर्मा: क्रिकेट के सफर से लेकर मुंबई का राजा बनने तक,

 इस विस्तृत विश्लेषण में, हम उनके क्रिकेट सफर, मुंबई इंडियंस के साथ उनकी शानदार कप्तानी, टेस्ट क्रिकेट में उनके रिकॉर्ड, ओपनर के रूप में उनकी उपलब्धियों, और रिटायरमेंट के पीछे के कारणों पर गौर करेंगे।

प्रारंभिक जीवन और क्रिकेट सफर

रोहित शर्मा का जन्म 30 अप्रैल 1987 को नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था, लेकिन उनका पालन-पोषण मुंबई में हुआ। उनके परिवार की वित्तीय स्थिति चुनौतीपूर्ण थी, जिसके कारण वे अपने दादा-दादी और चाचाओं के साथ रहे। 1999 में, उन्होंने एक क्रिकेट कैंप में भाग लिया, जहाँ कोच दिनेश लाड ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में स्थानांतरित किया, जो बेहतर क्रिकेट सुविधाओं के लिए जाना जाता था। शुरू में, रोहित एक ऑफ-स्पिनर थे, लेकिन उनकी बल्लेबाजी की क्षमता जल्दी ही उभर कर सामने आई, और वे ओपनर के रूप में खेलने लगे।उनके प्रारंभिक अंतरराष्ट्रीय करियर में कई चुनौतियां थीं। 

2007 में, वे 2007 टी20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे, लेकिन उनकी स्थिरता पर सवाल उठाए गए। 2011 क्रिकेट विश्व कप के लिए उन्हें टीम में नहीं चुना गया, और 2012 में उनका प्रदर्शन विशेष रूप से खराब रहा, जब उन्होंने पूरे साल में केवल 168 रन बनाए, औसत 12.8। 
इस दौरान, उन्हें शारीरिक रूप से और प्रतिभा के आधार पर आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसे वे "प्रतिभा" शब्द के साथ जोड़कर देखते थे, जो सोशल मीडिया पर उनके लिए एक अपमानजनक उपनाम बन गया।

हालांकि, 2013 में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया जब एमएस धोनी ने उन्हें वनडे क्रिकेट में ओपनिंग की जिम्मेदारी दी। यह निर्णय उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर ले गया, और वे टी20 और वनडे क्रिकेट में एक दिग्गज बन गए। 2019 में, टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग करते हुए, उन्होंने अपनी पहली ही सीरीज में तीन शतक लगाए, जिसमें एक डबल शतक (212) भी शामिल था, जो उनके रूपांतरण को दर्शाता है। 

मुंबई का राजा:
 आईपीएल में सफलतारोहित शर्मा को मुंबई का "राजा" कहा जाता है, मुख्य रूप से उनकी मुंबई इंडियंस के साथ आईपीएल में कप्तानी के कारण। 2011 में, उन्हें मुंबई इंडियंस ने 9.2 करोड़ रुपये में खरीदा, और 2013 में रिकी पोंटिंग की जगह कप्तान बनने के बाद, उन्होंने टीम को पांच आईपीएल खिताब (2013, 2015, 2017, 2019, 2020) दिलाए। यह उन्हें आईपीएल इतिहास में सबसे सफल कप्तानों में से एक बनाता है, एमएस धोनी के साथ बराबरी पर, जिनके पास भी पांच खिताब हैं।
 उनकी नेतृत्व शैली को तकनीक और डेटा का उपयोग करने के लिए प्रशंसित किया गया, और वे एक शांत और रणनीतिक कप्तान के रूप में जाने गए।| 
इसके अलावा, रोहित ने 2009 में दक्कन चार्जर्स के साथ एक और आईपीएल खिताब जीता था, जिससे उनकी कुल छह आईपीएल खिताब की संख्या हो गई, लेकिन मुंबई इंडियंस के साथ उनकी कप्तानी ने उन्हें मुंबई का "राजा" बनाया।

टेस्ट कप्तानी रिकॉर्ड और अन्य भारतीय कप्तानों से तुलनारोहित शर्मा ने 2022 से 2024 तक टेस्ट क्रिकेट में भारत की कप्तानी की, जिसमें उन्होंने 24 मैच खेले। इनमें से 12 मैच जीते, 9 हारे, और 3 ड्i
इस तालिका से स्पष्ट है कि रोहित का जीत प्रतिशत धोनी (45%), गांगुली (42.85%), और द्रविड़ (32%) से अधिक है, लेकिन विराट कोहली (58.82%) से कम। 
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कोहली ने 68 मैचों में कप्तानी की, जबकि रोहित ने केवल 24 में, जो कि एक छोटा नमूना है। 

ओपनर के रूप में उपलब्धियां और पूर्व ओपनर्स से तुलना

रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग की जिम्मेदारी 2019 से ली, और इस भूमिका में उन्होंने 67 मैचों में 4,301 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और एक डबल शतक (212) शामिल हैं। उनका औसत 40.57 रहा, और उन्होंने 472 चौके और 88 छक्के लगाए। 

इन आंकड़ों को पूर्व भारतीय ओपनर्स के साथ तुलना करें:

सुनील गावस्कर: 125 मैच, 10,122 रन, 34 शतक, औसत 51.12
वीरेंद्र सहवाग: 104 मैच, 8,586 रन, 23 शतक, औसत 49.34, 
जिसमें दो ट्रिपल शतक शामिल हैं

गौतम गंभीर: 58 मैच, 4,154 रन, 9 शतक, औसत 41.93
रोहित शर्मा ने गौतम गंभीर से अधिक शतक बनाए (12 बनाम 9), और उनके रनों की संख्या भी गंभीर से अधिक है, लेकिन गावस्कर और सहवाग से काफी कम। 

उनका औसत भी इन तीनों से कम है, लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि रोहित ने एक आधुनिक युग में खेला, जहां गेंदबाजी और पिच की परिस्थितियां भिन्न हो सकती हैं। उनका डबल शतक ओपनर्स के बीच दुर्लभ है, जो उनकी आक्रामक बल्लेबाजी शैली को दर्शाता है।

रिटायरमेंट का कारण:
 बीसीसीआई का आदेश या व्यक्तिगत निर्णय?
उपयोगकर्ता ने पूछा कि बीसीसीआई ने रोहित शर्मा से रिटायर होने को क्यों कहा, लेकिन शोध से पता चलता है कि यह उनका खुद का निर्णय था, न कि बीसीसीआई का आदेश। 7 मई 2025 को, रोहित ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की, जिसके तुरंत बाद खबरें आईं कि बीसीसीआई ने इंग्लैंड दौरे के लिए उनकी कप्तानी बदलने का फैसला किया था। भारतीय मीडिया में रिपोर्ट्स थीं कि चयनकर्ताओं ने उन्हें कप्तान के रूप में हटाने का निर्णय लिया था, लेकिन रोहित ने स्वयं संन्यास की घोषणा की, संभवतः अपनी हाल की फॉर्म और कप्तानी की अनिश्चितता को देखते हुए। उनकी फॉर्म में गिरावट, विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया दौरे (31 रन, 5 पारियों में) और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में (औसत 15), एक कारक हो सकता है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि बीसीसीआई ने उन्हें रिटायर होने को नहीं कहा; यह उनका खुद का निर्णय था, और वे वनडे क्रिकेट में भारत की कप्तानी जारी रख रहे हैं। Rohit Sharma

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