google.com, pub-7513609248165580, DIRECT, f08c47fec0942fa0 ऑपरेशन राइजिंग लॉयन: इजरायल-ईरान युद्ध की आहट या नई वर्ल्ड वार की शुरुआत?

Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad

ऑपरेशन राइजिंग लॉयन: इजरायल-ईरान युद्ध की आहट या नई वर्ल्ड वार की शुरुआत?

ऑपरेशन राइजिंग लॉयन: इजरायल-ईरान युद्ध की दस्तक?

ऑपरेशन राइजिंग लॉयन: इजरायल-ईरान युद्ध की दस्तक?

भूमिका: मध्य पूर्व की नई ज्वाला

13 जून 2025 की सुबह दुनिया के लिए चौंकाने वाली थी। इजरायली वायुसेना ने "ऑपरेशन राइजिंग लॉयन" के तहत ईरान पर एक व्यापक और असाधारण हमला किया। यह हमला केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं था, बल्कि यह भविष्य के भू-राजनीतिक समीकरणों की नई पटकथा का पहला अध्याय प्रतीत होता है।

हमले की रणनीति और लक्ष्य

इजरायली रक्षा बलों (IDF) द्वारा किए गए इस हमले की तीव्रता अभूतपूर्व रही। लगभग 200 से अधिक फाइटर जेट्स और 330 से ज्यादा सटीक बम उपयोग में लाए गए। इस हमले में जिन 100+ ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:

  • नातांज और फोर्दो परमाणु संयंत्र
  • IRGC (इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स) के कमांड हेडक्वार्टर
  • तेहरान के आसपास के सामरिक रक्षा प्रतिष्ठान

यह स्पष्ट रूप से एक प्री-एम्प्टिव स्ट्राइक थी, जिसका मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अस्थायी या स्थायी रूप से ठप्प करना था।

प्रमुख हताहत: हुसैन सलामी की मौत

हमले में IRGC के प्रमुख कमांडर हुसैन सलामी के मारे जाने की पुष्टि खुद ईरान के आधिकारिक सूत्रों ने की है। साथ ही, कई शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों और सैन्य अधिकारियों की मौत की खबरें भी सामने आई हैं। इससे ईरान की परमाणु और रणनीतिक संरचना को बड़ा झटका लगा है।

ईरान की जवाबी कार्रवाई

इजरायली हमले के कुछ ही घंटों बाद, ईरान ने भी 100 से अधिक ड्रोन और मिसाइलों से इजरायल के विभिन्न शहरों को निशाना बनाया। हालांकि इजरायल के आयरन डोम और डेविड स्लिंग जैसे एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स ने अधिकांश मिसाइलों को मार गिराया, लेकिन कुछ रॉकेट्स तेल अवीव और हाइफा में गिरे, जिनमें नागरिक हताहत हुए।

इजरायल का रुख: अस्तित्व की लड़ाई

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा:

"हमने यह ऑपरेशन ईरान के परमाणु खतरे को समाप्त करने के लिए किया है। यह एक रक्षात्मक कार्रवाई थी, जिसे आगे बढ़ने से पहले ही रोकना ज़रूरी था।"

इजरायल की यह नीति उनकी लंबे समय से चली आ रही 'डॉक्ट्रिन ऑफ प्रीवेंशन' को ही पुष्ट करती है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: कूटनीति बनाम रणनीति

  • अमेरिका ने इस हमले से अपनी सैन्य भूमिका से इनकार किया है।
  • भारत, यूरोपीय संघ, चीन और संयुक्त राष्ट्र ने संयम बरतने की अपील की है।
  • रूस और तुर्की ने हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया।

तेहरान की स्थिति: नागरिकों का संकट

ईरान के सरकारी मीडिया के अनुसार, तेहरान में कई महिलाओं और बच्चों की मौत हुई है। इससे घरेलू असंतोष और विरोध भी तेज हो रहा है।

तेल बाज़ार और आर्थिक प्रभाव

इस संघर्ष के कारण तेल की कीमतों में लगभग 18% की वृद्धि देखी गई है। वैश्विक बाजारों में अस्थिरता और निवेशकों की घबराहट का माहौल है।

क्या यह एक क्षेत्रीय युद्ध की शुरुआत है?

  • ईरान के संभावित प्रतिरोध से इजरायल बहु-आयामी संघर्ष में उलझ सकता है।
  • सीरिया, यमन, लेबनान के संगठन सक्रिय हो सकते हैं।
  • सऊदी अरब और यूएई की तटस्थता लंबी नहीं रह सकती।

भारत का दृष्टिकोण और रणनीतिक संतुलन

भारत ने पारंपरिक रूप से ईरान और इजरायल दोनों से गहरे संबंध बनाए रखे हैं। भारत की प्राथमिक चिंताएं हैं:

  • तेल की आपूर्ति और कीमतें
  • प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा
  • चाबहार पोर्ट जैसी परियोजनाओं की स्थिरता

समापन विचार: आग में घिरी दुनिया

ऑपरेशन राइजिंग लॉयन केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि पश्चिम एशिया में बदलते समीकरणों का संकेत है। जहां एक ओर इजरायल ने अपनी सुरक्षा नीति को लागू करते हुए ठोस कदम उठाया है, वहीं ईरान की जवाबी कार्रवाई से एक व्यापक युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। भारत सहित वैश्विक शक्तियों के लिए यह समय है विवेकपूर्ण रणनीति अपनाने का, ताकि यह टकराव क्षेत्रीय संघर्ष से वैश्विक संकट में न बदल जाए।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ