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अहमदाबाद प्लेन क्रैश: उड्डयन मंत्रालय की DDCA के अधिकारियों के साथ बैठक कड़े फैसले के संकेत।

हवाई सुरक्षा बैठक 2025: राम मोहन नायडू की अध्यक्षता में भारत की नई रणनीति

✈️ हवाई सुरक्षा बैठक 2025: राम मोहन नायडू की अध्यक्षता में भारत की नई रणनीति

दिनांक: 14 जून 2025 | स्थान: मोका भवन, दिल्ली | समय: 10:30 AM

👥 प्रमुख प्रतिभागी

  • केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू
  • नागरिक उड्डयन सचिव
  • DGCA, AAIB और AAI के अधिकारी
  • Air India प्रतिनिधि
  • Boeing और FAA विशेषज्ञ

🎯 बैठक के उद्देश्य

  • AI171 दुर्घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट
  • Dreamliner सुरक्षा की समीक्षा
  • DGCA के निरीक्षण मानकों में सुधार
  • नई SOPs का प्रारूप
  • स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन

📰 मीडिया रिएक्शन और मंत्री का बयान

राम मोहन नायडू ने कहा: "हम हर संभव कदम उठा रहे हैं ताकि भारत की विमानन प्रणाली विश्वसनीय और सुरक्षित बने। यात्रियों का भरोसा ही हमारी असली पूँजी है।"

🧠 तकनीकी और सामाजिक परिप्रेक्ष्य

  • Dreamliner विमानों के रखरखाव में मानक अंतराल की जांच
  • पायलट थकान और मनोवैज्ञानिक स्थिति पर ध्यान
  • ATC और ग्राउंड स्टाफ की भूमिका की समीक्षा

📋 बैठक से निकले फैसले

क्रम निर्णय विवरण
1 Dreamliner ऑडिट 48 घंटे में तकनीकी रिपोर्ट अनिवार्य
2 DGCA डिजिटल निगरानी e-SURAKSHA पोर्टल शीघ्र लॉन्च
3 यात्री सूचना प्रणाली SMS/Call द्वारा आपातकालीन सूचनाएँ
4 पायलट SOP मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन हर 6 माह
5 तीसरी पार्टी ऑडिट हर माह स्वतंत्र सुरक्षा मूल्यांकन

🌐 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

FAA और EASA ने भारत की पहल को सराहा। Boeing विशेषज्ञ भारत भेजे गए हैं। सहयोग और पारदर्शिता को वैश्विक मान्यता मिली।

📅 आगे की रणनीति

  1. AAIB रिपोर्ट 17 जून तक
  2. Dreamliner उड़ानों पर निर्णय जांच रिपोर्ट के बाद
  3. जनसहभागिता पोर्टल निर्माण
  4. राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा नीति 2025 पर संसद बहस

🧭 भारत की उड़ान: सुरक्षा से विश्वास तक

14 जून 2025 की बैठक भारत के विमानन इतिहास में एक निर्णायक मोड़ थी। अब भारत दुर्घटनाओं के बाद प्रतिक्रिया करने वाला नहीं, बल्कि भविष्यदर्शी नीति तैयार करने वाला राष्ट्र बन रहा है। DGCA, AAI और केंद्र सरकार की मिलीजुली रणनीति से आने वाला दशक भारत की विमानन सुरक्षा को विश्व मानकों पर खड़ा करेगा।

राम मोहन नायडू की यह पहल केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि एक राष्ट्र की प्रतिबद्धता है — अपने नागरिकों की सुरक्षा, भरोसे और गरिमा के प्रति।


यह लेख आम चर्चा के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। अधिक अपडेट के लिए aamcharcha.in पर नज़र रखें।

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