PM मोदी की पांच देशों की यात्रा: ग्लोबल साउथ के साथ कूटनीतिक संबंधों की नई दिशा
लेख तिथि: 2 जुलाई 2025 | लेखक: आम चर्चा टीम
परिचय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 से 9 जुलाई 2025 तक घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की यात्रा पर हैं। यह दौरा भारत की ‘ग्लोबल साउथ’ नीति के तहत दक्षिणी गोलार्ध के उभरते देशों के साथ संबंधों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
1. घाना (2–3 जुलाई)
- तीन दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा।
- भारत-घाना व्यापार: $3.1 बिलियन, मुख्यतः सोने का आयात।
- फोकस क्षेत्र: आईटी, कृषि, ऊर्जा, रक्षा, ऑटोमोबाइल और निर्माण क्षेत्र।
- विकास सहयोग: अफ्रीका में भारत की मौजूदगी को और गहरा करेगा।
2. त्रिनिदाद और टोबैगो (4 जुलाई)
- 1999 के बाद पहली द्विपक्षीय यात्रा।
- 40-45% आबादी भारतीय मूल की।
- प्रधानमंत्री संसद को संबोधित कर सकते हैं।
- संभावित समझौते: डिजिटल सार्वजनिक ढांचा, स्वास्थ्य, संस्कृति।
3. अर्जेंटीना (4–5 जुलाई)
- रणनीतिक भागीदारी पर बल।
- क्षेत्र: कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, तकनीकी सहयोग।
- लिथियम और ऊर्जा साझेदारी की उम्मीद।
4. ब्राजील (5–8 जुलाई): BRICS सम्मेलन
- 17वें BRICS सम्मेलन (रियो डी जेनेरियो) में हिस्सा।
- ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूती।
- द्विपक्षीय वार्ता: रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, कृषि।
5. नामीबिया (9 जुलाई)
- पीएम मोदी की पहली यात्रा।
- वार्ता: खनन, ऊर्जा, वाइल्डलाइफ संरक्षण।
- भारत-अफ्रीका संबंधों में नया अध्याय।
रणनीतिक महत्व
- ग्लोबल साउथ में भारत की भूमिका
- BRICS मंच पर मजबूती
- भारतीय डायस्पोरा के साथ संबंध
- विकास साझेदारी
यात्रा का महत्व
यह यात्रा भारत की विदेश नीति में ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक है। 'वसुधैव कुटुंबकम्' की भावना को लेकर यह दौरा भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।

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