🇮🇳 आज की सर्वदलीय बैठक: शीतकालीन सत्र 2025 की बिसात — बड़े मुद्दे, विधेयक और राजनीतिक टकराव
दिनांक: 30 नवंबर 2025
बैठक का समय: सुबह 11 बजे
स्थान: संसद भवन, नई दिल्ली
संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर 2025 तक चलने वाला है। ठीक उससे पहले आज की सर्वदलीय बैठक राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह लेख सरकार और विपक्ष के एजेंडों, विधायी तैयारी, संभावित टकराव और राष्ट्रीय मुद्दों पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत करता है।
I. सर्वदलीय बैठक का उद्देश्य और महत्व
सर्वदलीय बैठक भारतीय संसदीय प्रणाली का वह मंच है जहाँ सरकार सभी दलों से आगामी सत्र में सहयोग मांगती है। इस बैठक के तीन प्रमुख उद्देश्य होते हैं:
- सदन का सुचारू संचालन सुनिश्चित करना
- विपक्ष की प्राथमिकताओं और मुद्दों को समझना
- BAC द्वारा तय होने वाले समय और विषय-वस्तु के लिए आधार तैयार करना
यह बैठक बहुमत और अल्पमत दोनों की लोकतांत्रिक आवश्यकता को संतुलित करने का प्रयास करती है। 2025 के हालात में, INDIA Bloc और NDA के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
II. सरकार का विधायी एजेंडा — 10 बड़े विधेयक
1. परमाणु ऊर्जा (संशोधन) विधेयक 2025
पहली बार असैन्य परमाणु ऊर्जा में निजी क्षेत्र की एंट्री का प्रस्ताव—यह भारत की ऊर्जा व्यवस्था को बदलने की क्षमता रखता है।
उद्देश्य: स्वच्छ ऊर्जा, ऊर्जा सुरक्षा और नेट ज़ीरो 2070 की दिशा में कदम।
2. उच्च शिक्षा आयोग (HECI) विधेयक
UGC को हटाकर एकल शिक्षा नियामक की स्थापना—सरकार का दावा कि इससे शिक्षा में गुणवत्ता और स्वायत्तता बढ़ेगी।
3. सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड (SMC) बिल
SEBI से जुड़े सभी पुराने कानूनों को एक जगह समेकित करने वाला ऐतिहासिक सुधार।
4. कॉर्पोरेट कानून (संशोधन) विधेयक
Decriminalisation और compliance सुधार पर फोकस।
5. DPDP Act से जुड़े नियम
पिछले सत्र में पास हो चुका कानून—अब नियमों पर चर्चा की संभावना।
अन्य प्रमुख विधेयक
- राष्ट्रीय राजमार्ग संशोधन
- भारतीय वन संशोधन
- बीमा क्षेत्र सुधार
III. विपक्ष का हमला — INDIA Bloc का एजेंडा
1. विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) विवाद — सबसे बड़ा टकराव
TMC और कई दलों का आरोप है कि वोटर सूची पुनरीक्षण में राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा है।
मुख्य आरोप:
- Targeted Deletion – अल्पसंख्यक और बंगाली भाषी मतदाताओं पर असर
- Form-7 का दुरुपयोग
- BLO पर राजनीतिक दबाव — आत्महत्या की घटनाएँ
- उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिकाएँ
विपक्ष संसद में Rule 267 के अंतर्गत तत्काल चर्चा चाहता है। सरकार इसे टालना चाहेगी—और यहीं से गतिरोध शुरू होने की सबसे अधिक संभावना है।
2. अन्य राष्ट्रीय मुद्दे
- मणिपुर हिंसा की स्थिति
- दिल्ली ब्लास्ट और आंतरिक सुरक्षा
- महंगाई व बेरोजगारी
- दिल्ली-NCR प्रदूषण
- केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग
IV. सरकार की रणनीति — आक्रामक + रक्षात्मक
1. विधायी एजेंडे को प्राथमिकता
सरकार चाहेगी कि महत्वपूर्ण बिल चर्चा के साथ पास हों या HUNGAMA के बीच… लेकिन हों जरूर।
2. ‘वंदे मातरम्’ पर विशेष चर्चा
यह सरकार का राजनीतिक मास्टरस्ट्रोक हो सकता है—राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाकर विपक्ष को रक्षात्मक करना।
3. 'अग्निपथ योजना' पर फोकस
युवाओं से जुड़ा बड़ा नैरेटिव—सरकार इसके माध्यम से सकारात्मक माहौल बनाना चाहेगी।
4. आर्थिक सफलता
GDP ग्रोथ, एक्सपोर्ट, निवेश, स्टार्टअप… सरकार इन सभी पर आक्रामक प्रचार करेगी।
5. विपक्ष पर आरोप
सरकार कहेगी कि INDIA Bloc “अवरोध की राजनीति” कर रहा है।
V. संभावित परिदृश्य — शीतकालीन सत्र किस दिशा में जाएगा?
पहला सप्ताह: भारी हंगामा, SIR विवाद के कारण कार्यवाही बाधित
दूसरा सप्ताह: विधेयक पास कराने की दौड़
चर्चा की गुणवत्ता: राजनीतिक लड़ाई के कारण कम होने की आशंका
लोकतंत्र की असली परीक्षा
शीतकालीन सत्र 2025 सरकार बनाम विपक्ष की रणनीतियों का बड़ा अखाड़ा बनकर उभरेगा। यह सत्र तय करेगा कि क्या संसद देश के मुद्दों पर गंभीर बहस करेगी या फिर हंगामे की भेंट चढ़ जाएगी।
जनता की उम्मीद: देश चाहता है कि उसके प्रतिनिधि बहस करें, समाधान दें, कानून बनाएं—न कि नारेबाजी में समय गंवाएँ।

0 टिप्पणियाँ