SCO में भारत की भागीदारी 2025: सुरक्षा, ऊर्जा और व्यापार
विशेष: SCO 2025 सम्मेलन में भारत की प्रमुख भूमिका
जानिए कैसे भारत की सुरक्षा, ऊर्जा और व्यापार रणनीति Eurasia में स्थायित्व और प्रभाव बढ़ा रही है।
पूरा विश्लेषण पढ़ें →SCO क्यों महत्वपूर्ण है?
शंघाई सहयोग संगठन भारत के लिए बहुपक्षीय मंच है जो सुरक्षा, ऊर्जा, व्यापार और रणनीतिक कूटनीति के लिए लाभकारी साबित हो रहा है।
भारत की SCO यात्रा
भारत ने 2005 में SCO का पर्यवेक्षक दर्जा प्राप्त किया और 2017 में पूर्ण सदस्य बना।
RATS और सुरक्षा सहयोग
RATS (Regional Anti-Terrorist Structure) के माध्यम से भारत को साझा इंटेलिजेंस, प्रशिक्षण और संयुक्त अभ्यास का लाभ मिला है।
आर्थिक सहयोग और ऊर्जा सुरक्षा
भारत ने SCO के माध्यम से Eurasia देशों के साथ व्यापार समझौते और ऊर्जा परियोजनाओं में भागीदारी बढ़ाई है।
डेटा और चार्ट
स्रोत: Ministry of Commerce, India, 2025
स्रोत: International Energy Agency, 2025
अंतिम दृष्टि: जनभावना बनाम सत्ता-रणनीति
भारत की SCO सदस्यता जनभावना और सत्ता-रणनीति के संतुलन के साथ वैश्विक कूटनीति में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
FAQ
- SCO भारत के लिए सबसे बड़ा लाभ क्या है?
- सुरक्षा समन्वय, ऊर्जा/कनेक्टिविटी और स्वतंत्र कूटनीति।
- क्या SCO, NATO/G7 का विकल्प है?
- पूर्ण विकल्प नहीं, पर यूरेशिया में प्रभावी संतुलन मंच।
- INSTC/चाबहार का व्यावहारिक असर?
- ट्रांजिट समय और लागत घटाना, यूरोप-CIS तक भारत की पहुँच बढ़ाना।
- RATS से भारत को क्या फ़ायदा?
- इंटेल-शेयरिंग, प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास; क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद पर सामूहिक प्रतिक्रिया।
ध्यान दें: यह लेख विश्लेषणात्मक है। आधिकारिक नीतिगत अद्यतनों के लिए संबंधित सरकारी/अंतरराष्ट्रीय दस्तावेज़ देखें।

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