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Midnight Hammer: US ka Surprise Nuclear Strike on Iran

ऑपरेशन मिडनाइट हैमर: अमेरिका का ईरान पर परमाणु हमला | Iran Nuclear Conflict 2025

ऑपरेशन मिडनाइट हैमर: अमेरिका का ईरान पर परमाणु हमला

22 जून 2025 को अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नटांज़ और इस्फहान—पर एक गुप्त और अत्यंत सटीक हमला किया, जिसे "ऑपरेशन मिडनाइट हैमर" के नाम से जाना गया। यह हमला केवल सैन्य कार्रवाई नहीं था, बल्कि एक व्यापक भू-राजनीतिक संदेश भी था।

🔍 ऑपरेशन की रणनीति: उच्च तकनीक और गोपनीयता का संगम

बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने 30,000 पाउंड वजनी GBU-57 बंकर बस्टर बम गिराए। ये बम 200 फीट तक कंक्रीट में घुसने में सक्षम हैं।

हमले में कुल 7 B-2 स्पिरिट बॉम्बर्स ने हिस्सा लिया। ये विमान मिसौरी के व्हिटमैन एयरबेस से उड़ान भरकर सीधे फारस की खाड़ी पहुंचे। रास्ते में इनकी पहचान छिपाने के लिए रेडार जैमिंग, सैटेलाइट ब्लाइंडिंग और डिकॉय विमानों का सहारा लिया गया।

इस्फहान पर हमला एक अमेरिकी पनडुब्बी द्वारा 24 टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलों से किया गया, जिससे संचार और ऊर्जा तंत्र पूरी तरह ठप हो गया।

🎯 लक्ष्य: ईरान का परमाणु कार्यक्रम स्थायी रूप से समाप्त करना

अमेरिकी प्रशासन के मुताबिक, ईरान का परमाणु कार्यक्रम एक वैश्विक खतरा बन चुका था। फोर्डो की भूमिगत प्रयोगशाला, नटांज़ की संवर्धन इकाई और इस्फहान की रिएक्टर निर्माण सुविधा को निष्क्रिय करना अमेरिका का मुख्य उद्देश्य था।

अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ की निगरानी में इस ऑपरेशन की महीनों तक योजना बनाई गई थी। इसका कोडवर्ड 'Midnight Hammer' केवल रणनीति नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक प्रभाव का भी हिस्सा था।

🛰️ समन्वय: सैटेलाइट्स और एयरक्राफ्ट कैरियर्स का विशाल नेटवर्क

ऑपरेशन में पांच अमेरिकी सैन्य बेस, दो एयरक्राफ्ट कैरियर्स, तीन उपग्रहों और साइबर कमांड का सामूहिक समन्वय शामिल था। पूरा हमला 25 मिनट में पूरा हुआ, और इसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 125 से अधिक एयरक्राफ्ट शामिल थे।

🌐 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: तनाव या संतुलन?

ईरान ने इस हमले को "युद्ध की घोषणा" बताते हुए संयुक्‍त राष्ट्र में आपात सत्र बुलाने की मांग की है। वहीं रूस और चीन ने अमेरिका की कार्रवाई की आलोचना की, जबकि इज़रायल ने समर्थन किया। भारत ने अब तक तटस्थ रुख अपनाया है, लेकिन खाड़ी क्षेत्र में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा एक बड़ी चिंता है।

📜 ऐतिहासिक संदर्भ: इराक 1981, सीरिया 2007, और अब ईरान 2025

इस हमले की तुलना 1981 के इज़रायली ऑपरेशन ऑपेरा (इराक के ओसिरक रिएक्टर पर) और 2007 के ऑपरेशन ऑर्चर्ड (सीरिया पर) से की जा रही है। लेकिन तकनीकी स्तर और समन्वय की दृष्टि से "मिडनाइट हैमर" कहीं अधिक उन्नत और निर्णायक है।

🔚 निष्कर्ष: शक्ति प्रदर्शन या शांति की शुरुआत?

अमेरिका ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह परमाणु हथियारों के संभावित प्रसार को किसी भी कीमत पर रोकने के लिए तैयार है। यह हमला न केवल ईरान के लिए चेतावनी है, बल्कि विश्व राजनीति में अमेरिका की नई 'डॉमिनेंस स्ट्रेटेजी' का प्रतीक भी है।

हालांकि, इस हमले के दूरगामी प्रभाव—क्षेत्रीय अस्थिरता, ऊर्जा आपूर्ति संकट, और संभावित प्रतिशोध—अभी सामने आना बाकी हैं। क्या यह हमला स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त करेगा या एक नए युद्ध का द्वार खोलेगा? आने वाला समय ही बताएगा।


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लेखक: आम चर्चा टीम | प्रकाशन तिथि: 22 जून 2025

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